fbpx

सीआरपीसी की धारा 104 | पेश की गई दस्तावेज आदि को परिबद्ध करने की शक्ति | CrPC Section- 104 in hindi| Power to impound document, etc, produced.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 104 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 104 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 104 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 104 के अन्तर्गत जब कोई वस्तु या दस्तावेज न्यायालय में जांच हेतु पेश किए जाते है, तो वह धारा 104 के अंतर्गत उस न्यायालय के अधिकारी को यह शक्ति होती है कि मजिस्ट्रेट अगर चाहे तो, किसी मामले में जांच हेतु है वादी अथवा प्रतिवादी व्यक्ति के दस्तावेज अथवा कोई वस्तु, जब्त कर सकते है।

किसी न्यायालय के मजिस्ट्रेट, उपखण्ड मजिस्ट्रेट अथवा प्रथम वर्ग के मजिस्ट्रेट द्वारा किसी मामले में जांच के समय अथवा संदेह के आधार पर जांच हेतु न्यायालय को यह शक्ति मिली है कि यदि वह चाहे तो किसी व्यक्ति के दस्तावेज अथवा किसी वस्तु को जांच हेतु जब्त भी कर सकते है। CrPC की धारा 104 के अंतर्गत न्यायालय में पेश किए गए दस्तावेज आदि को परिबद्ध करने की शक्ति को परिभाषित करती है।

सीआरपीसी की धारा 104 के अनुसार

पेश की गई दस्तावेज आदि को परिबद्ध करने की शक्ति- यदि कोई न्यायालय ठीक समझता है, तो यह किसी दस्तावेज या चीज को, जो इस संहिता के अधीन उसके समक्ष पेश की गई है, परिबद्ध कर सकता है।

Power to impound document, etc, produced-
Any Court may, if it thinks fit, impound any document or thing produced before it under this Code.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 104 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment