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सीआरपीसी की धारा 109 | संदिग्ध व्यक्तियों से सदाचार के लिए प्रतिभूति | CrPC Section- 109 in hindi| Security for good behaviour from suspected persons.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 109 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 109 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 109 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 109 के अन्तर्गत जब किसी मामले में किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को इत्तिला मिलती है, कि उसकी स्थानीय अन्दर अपनी उपस्थिति छिपाने के लिए पूर्वावधानियां बरत रहा है और यह विश्वास करने का कारण है कि वह कोई संज्ञेय अपराध कराने की दृष्टि से ऐसा कर रहा है, तो वह धारा 109 के अंतर्गत उस न्यायालय के अधिकारी को यह शक्ति होती है कि वह संदिग्ध व्यक्तियों से सदाचार के लिए प्रतिभूति एक निश्चित समय के लिए ले सकता है।

किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को इत्तिला मिलती है, कि उसकी स्थानीय अधिकारिता में कोई संदिग्ध व्यक्ति, किसी ऐसे व्यक्ति को छिपाने का प्रयास कर रहा है CrPC की धारा 109 न्यायालय के अधिकारी को यह शक्ति होती है कि एक वर्ष से अनधिक की इतनी अवधि के लिए, जितनी वह मजिस्ट्रेट ठीक समझे उसे अपने सदाचार के लिए प्रतिभुओं सहित या रहित बन्धपत्र निष्पादित करने के लिए आदेश क्यों न दिया जाए।

सीआरपीसी की धारा 109 के अनुसार

संदिग्ध व्यक्तियों से सदाचार के लिए प्रतिभूति-

जब किसी [कार्यपालक मजिस्ट्रेट] को इत्तिला मिलती है कि कोई व्यक्ति उसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर अपनी उपस्थिति छिपाने के लिए पूर्वावधानियां बरत रहा है और यह विश्वास करने का कारण है कि वह कोई संज्ञेय अपराध कराने की दृष्टि से ऐसा कर रहा है, तब वह मजिस्ट्रेट ऐसे व्यक्ति से इसमें इसके पश्चात् उपबन्धित रीति से अपेक्षा कर सकता है कि वह कारण दर्शित करे कि एक वर्ष से अनधिक की इतनी अवधि के लिए, जितनी वह मजिस्ट्रेट ठीक समझे उसे अपने सदाचार के लिए प्रतिभुओं सहित या रहित बन्धपत्र निष्पादित करने के लिए आदेश क्यों न दिया जाए।

Security for good behaviour from suspected persons-
When an [Executive Magistrate] receives information that there is within his local jurisdiction a person taking precautions to conceal his presence and that there is reason to believe that he is doing so with a view to committing a cognizable offence, the Magistrate may, in the manner hereinafter provided, require such person to show cause why he should not be ordered to execute a bond, with or without sureties, for his good behaviour for such period, not exceeding one year, as the Magistrate thinks fit.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 109 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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