fbpx

सीआरपीसी की धारा 131 | जमाव को तितर-बितर करने की सशस्त्र बल के कुछ अधिकारियों की शक्ति | CrPC Section- 131 in hindi| Power of certain armed force officers to disperse assembly.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 131 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 131 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 131 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 131 के अन्तर्गत जब कोई ऐसा जमाव लोक सुरक्षा को स्पष्टतया संकटापन्न कर देता है और किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट से संपर्क नहीं किया जा सकता है तब सशस्त्र बल का कोई आयुक्त या राजपत्रित अधिकारी ऐसे जमाव को अपने समादेशाधीन सशस्त्र बल की मदद से तितर-बितर कर सकता है और ऐसे किन्हीं व्यक्तियों को, जो उसमें सम्मिलित हों, ऐसे जमाव को तितर-बितर करने के लिए या इसलिए कि उन्हें विधि के अनुसार दण्ड दिया जा सके, गिरफ्तार और परिरुद्ध कर सकता है तो यह धारा 131 के अंतर्गत कार्यपालक मजिस्ट्रेट को यह शक्ति होती है कि जमाव को तितर-बितर करने की सशस्त्र बल के कुछ अधिकारियों की शक्ति बतलाता है।

जब कोई कार्यपालक मजिस्ट्रेट किसी जमाव मे जिससे लोक सुरक्षा को स्पष्टतया संकटापन्न कर देता है तब सशस्त्र बल का कोई आयुक्त या राजपत्रित अधिकारी ऐसे जमाव को अपने समादेशाधीन सशस्त्र बल की मदद से तितर-बितर कर सकता है, वह जमाव को तितर-बितर करने की सशस्त्र बल के कुछ अधिकारियों की शक्ति के लिये किया गया है । CrPC की धारा 131 कार्यपालक मजिस्ट्रेट को सशस्त्र बल के कुछ अधिकारियों की शक्ति मजिस्ट्रेट के अनुदेशों का पालन करेगा।

सीआरपीसी की धारा 131 के अनुसार

जमाव को तितर-बितर करने की सशस्त्र बल के कुछ अधिकारियों की शक्ति-

जब कोई ऐसा जमाव लोक सुरक्षा को स्पष्टतया संकटापन्न कर देता है और किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट से संपर्क नहीं किया जा सकता है तब सशस्त्र बल का कोई आयुक्त या राजपत्रित अधिकारी ऐसे जमाव को अपने समादेशाधीन सशस्त्र बल की मदद से तितर-बितर कर सकता है और ऐसे किन्हीं व्यक्तियों को, जो उसमें सम्मिलित हों, ऐसे जमाव को तितर-बितर करने के लिए या इसलिए कि उन्हें विधि के अनुसार दण्ड दिया जा सके, गिरफ्तार और परिरुद्ध कर सकता है, किन्तु यदि उस समय, जब वह इस धारा के अधीन कार्य कर रहा है, कार्यपालक मजिस्ट्रेट से सम्पर्क करना उसके लिए साध्य हो जाता है तो वह ऐसा करेगा और तदनन्तर इस बारे में कि वह ऐसी कार्यवाही चालू रखे या न रखे, मजिस्ट्रेट के अनुदेशों का पालन करेगा।

Power of certain armed force officers to disperse assembly-
When the public security is manifestly endangered by any such assembly and no Executive Magistrate can be communicated with, any commissioned or gazetted officer of the armed forces may disperse such assembly with the help of the armed forces under his command and may arrest and confine any persons forming part of it, in order to disperse such assembly or that they may be punished according to law; but if, while he is acting under this section, it becomes practicable for him to communicate with an Executive Magistrate, he shall do so, and shall thenceforward obey the instructions of the Magistrate, as to whether he shall or shall not continue such action.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 131 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment