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सीआरपीसी की धारा 385 | संक्षेपतः खारिज न की गई अपीलों की सुनवाई के लिए प्रक्रिया | CrPC Section- 385 in hindi| Procedure for hearing appeals not dismissed summarily.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 385 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 385 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 385 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 385 के अन्तर्गत यदि अपील न्यायालय अपील को संक्षेपतः खारिज नहीं करता है तो वह उस समय और स्थान की, जब और जहां ऐसी अपील सुनी जाएगी। इसके अलावा जहां दोषसिद्धि के विरुद्ध अपील का आधार केवल दंडादेश की अभिकथित कठोरता है वहां अपीलार्थी न्यायालय की इजाजत के बिना अन्य किसी आधार के समर्थन में न तो कहेगा और न उसे उसके समर्थन में सुना ही जाएगा।

सीआरपीसी की धारा 385 के अनुसार

संक्षेपतः खारिज न की गई अपीलों की सुनवाई के लिए प्रक्रिया-
(1) यदि अपील न्यायालय अपील को संक्षेपतः खारिज नहीं करता है तो वह उस समय और स्थान की, जब और जहां ऐसी अपील सुनी जाएगी, सूचना-
(i) अपीलार्थी या उसके प्लीडर को;
(ii) ऐसे अधिकारी को, जिसे राज्य सरकार इस निमित्त नियुक्त करे;
(iii) यदि परिवाद पर संस्थित मामले में दोषसिद्धि के निर्णय के विरुद्ध अपील की गई है तो परिवादी को;
(iv) यदि अपील धारा 377 या धारा 378 के अधीन की गई है तो अभियुक्त को, दिलवाएगा और ऐसे अधिकारी, परिवादी और अभियुक्त को अपील के आधारों की प्रतिलिपि भी देगा।
(2) यदि अपील न्यायालय में मामले का अभिलेख, पहले से ही उपलभ्य नहीं है तो वह न्यायालय ऐसा अभिलेख मंगाएगा और पक्षकारों को सुनेगा :
परन्तु यदि अपील केवल दण्ड के परिमाण या उसकी वैधता के बारे में है तो न्यायालय अभिलेख मंगाए बिना ही अपील का निपटारा कर सकता है।
(3) जहां दोषसिद्धि के विरुद्ध अपील का आधार केवल दंडादेश की अभिकथित कठोरता है वहां अपीलार्थी न्यायालय की इजाजत के बिना अन्य किसी आधार के समर्थन में न तो कहेगा और न उसे उसके समर्थन में सुना ही जाएगा।
Procedure for hearing appeals not dismissed summarily-
(1) If the Appellate Court does not dismiss the appeal summarily, it shall cause notice of the time and place at which such appeal will be heard to be given-
(i) to the appellant or his pleader;
(ii) to such officer as the State Government may appoint in this behalf;
(iii) if the appeal is from a judgment of conviction in a case instituted upon complaint, to the complainant ;
(iv) if the appeal is under Section 377 or Section 378, to the accused, and shall also furnish such officer, complainant and accused with a copy of the grounds of appeal.
(2) The Appellate Court shall then send for the record of the case, if such record is not already available in that Court and hear the parties :
Provided that if the appeal is only as to the extent or the legality of the sentence. the Court may dispose of the appeal without sending for the record.
(3) Where the only ground for appeal from a conviction is the alleged severity of the sentence, the appellant shall not except with the leave of the Court, urge or be heard in support of any other ground.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 385 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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