GST QRMP scheme in hindi

जीएसटी काउंसिल की बैठक दिनांक 5 अक्टूबर 2020 को हुई थी जिसमे कहा गया था कि 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले रजिस्टर्ड करदाताओं को जनवरी, 2021 से अपना रिटर्न तिमाही आधार पर दाखिल करने और टैक्स पेमेंट मासिक आधार पर जमा करने की अनुमति दी जाएगी।
जीएसटी में हुए नए संशोधन के पश्चात् यदि कोई रजिस्टर्ड करदाता तिमाही रिटर्न (QRMP) स्कीम को चुनता है, तो उसे मासिक टैक्स का भुगतान भी प्रत्येक माह की 20 तारीख को करना होगा, इसके साथ ही वह रिटर्न GSTR-1 एवं रिटर्न GSTR-3B, भी तिमाही आधार पर प्रस्तुत करना होगा लेकिन उन्हें टैक्स मासिक आधार पर जमा कराना होगा । जब मासिक आधार पर टैक्स जमा कराना पड़ रहा है तो जाहिर है टैक्स की गणना भी करनी होगा। ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि जब हम टैक्स की गणना ही कर रहे है तो फिर रिटर्न भी प्रस्तुत कर देंगे। ऐसे में इस स्कीम का क्या फायदा हुआ। लेकिन ऐसा नहीं है। मासिक टैक्स जमा कराने के लिए इस स्कीम में अलग तरीके दिये है जिसके चलते ऐसे करदाताओं को विस्तृत गणना करने की आवश्यकता नहीं है।
GST QRMP scheme default
इस स्कीम में महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि कोई करदाता मासिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर पा रहा या उसका वार्षिक टर्नओवर 5 करोड़ से कम है, तो वह त्रैमासिक आधार पर कर सकता है अथवा वह यदि मासिक आधार पर ही GST Return दाखिल करना चाहता है, तो भी वह QRMP विंडो में जाकर Defult सेटिंग में तिमाही अथवा मासिक select कर सकता है, यदि ऐसा नहीं करेगा तो करदाता का वार्षिक टर्नओवर 5 करोड़ से कम है, वह GST QRMP scheme में स्वतः ही शामिल हो जायेगा। इसलिए QRMP विंडो में जाकर Defult सेटिंग में तिमाही अथवा मासिक select आवश्य कर ले, नही तो वह टर्नओवर 5 करोड़ से कम वाले करदाताओं को त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करना पड़ सकता हैं ।
GST QRMP notification
इस संबंध में अधिसूचना स. 85/2020 – सीटी दिनांक 10.11.2020 जारी की गई है जिसमें इस स्कीम का लाभ लेने वाले करदाताओं के लिए मासिक भुगतान की गणना करने की विधि बताई गई है।
GST QRMP scheme
इस अधिसूचना के अनुसार वह करदाता जो धारा 39(1) के प्रोविजो के तहत तिमाही आधार पर GSTR-3B प्रस्तुत करते हैं, उन्हें 1 जनवरी 2021 से मासिक आधार पर तिमाही के पहले माह एवं दूसरे माह के लिए निम्न प्रकार टैक्स का भुगतान करना होगा-
(i) यदि रिटर्न तिमाही आधार पर प्रस्तुत की गई है तो पिछली तिमाही के कैश लेजर द्वारा भुगतान की गई राशि का 35 प्रतिशत।
(ii) यदि रिटर्न मासिक आधार पर प्रस्तुत की गई है, तो पिछली तिमाही के आखरी माह में केश लेजर द्वारा भुगतान की गई राशि।
हालांकि निम्न मामलों में कोई राशि जमा कराने की आवश्यकता नहीं है-
(i) तिमाही के पहले माह में यदि इलेक्ट्रोनिक कैश लेजर एवं इलेक्ट्रोनिक क्रेडिट लेजर में मिलाकर उस माह के कर दायित्व के बराबर राशि जमा हो या उस माह में कर दायित्व शून्य हो।
(ii) तिमाही के दूसरे माह में यदि इलेक्ट्रोनिक कैश लेजर एवं इलेक्ट्रोनिक क्रेडिट लेजर में मिलाकर राशि दोनों माह के कर दायित्व के बराबर हो या दोनों माह में कर दायित्व शून्य हो।
यदि किसी करदाता ने उस माह से पहले वाली टैक्स अवधि की रिटर्न प्रस्तुत नहीं की है, तो वह इस स्कीम के लिए योग्य नहीं होगा।