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आईपीसी की धारा 119 | किसी ऐसे अपराध के किये जाने की परिकल्पना का लोक सेवक व्दारा छिपाना जाना, जिसका निवारण करना उसका कर्तव्य है | IPC Section- 119 in hindi| Public servant concealing design to commit offence which it is his duty to prevent.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 119 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 119? साथ ही हम आपको IPC की धारा 119 सम्पूर्ण जानकारी एवम् क्या सजा मिलेगी और कैसे क्या जमानत मिलेगी। इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 119 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 119 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई लोक सेवक (सरकारी नौकर जैसे- पुलिस अधिकारी अथवा कोई सरकारी अफसर), किसी ऐसे अपराध के किये जाने की परिकल्पना को छिपाता है, जबकि उसका कर्तव्य है, उनका निवारण करना, फिर भी छिपाता है, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 119 अप्लाई होगी।  भारतीय दण्ड संहिता की धारा 119 इसी विषय के बारे में बतलाती है।

आईपीसी की धारा 119 के अनुसार-

किसी ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना का लोक सेवक द्वारा छिपाया जाना, जिसका निवारण करना उसका कर्तव्य है-

जो कोई लोक सेवक होते हुए उस अपराध का किया जाना, जिसका निवारण करना ऐसे लोक सेवक के नाते उसका कर्तव्य है, सुकर बनाने के आशय से या सम्भाव्यतः तद्वारा सुकर बनाएगा यह जानते हुए,
ऐसे अपराध के किए जाने की [परिकल्पना के अस्तित्व को किसी कार्य या अवैध लोप द्वारा या इमक्रिप्शन या उपकरण छिपाने की किसी अन्य सूचना के प्रयोग द्वारा स्वेच्छया छिपाएगा] या ऐसी परिकल्पना के बारे में ऐसा व्यपदेशन करेगा जिसका मिथ्या होना वह जानता है,
यदि अपराध कर दिया जाए- यदि ऐसा अपराध कर दिया जाए, तो वह उस अपराध के लिए उपबन्धित किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि से आधी तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो उस अपराध के लिए उपबन्धित है, या दोनों से;
यदि अपराध मृत्यु, आदि से दण्डनीय है- अथवा यदि वह अपराध मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय हो; तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी;
यदि अपराध नहीं किया जाए- अथवा यदि वह अपराध नहीं किया जाए, तो वह उस अपराध के लिए उपबन्धित किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि की एक चौथाई तक की हो सकेगी या ऐसे जुर्माने से, जो उस अपराध के लिए उपबन्धित है, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
दृष्टांत
क, एक पुलिस आफिसर, लूट किए जाने से सम्बन्धित सब परिकल्पनाओं की, जो उसको ज्ञात हो जाए, इतिला देने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए और यह जानते हुए कि ख लूट करने की परिकल्पना बना रहा है, अपराध के किए जाने को सुकर बनाने के आशय से ऐसी इत्तिला देने का लोप करता है। यहाँ क ने ख की परिकल्पना के अस्तित्व को एक अवैध लोप द्वारा छिपाया है, और वह इस धारा के उपबन्ध के अनुसार दण्डनीय है।

Public servant concealing design to commit offence which it is his duty to prevent-
Whoever, being a public servant, intending to facilitate or knowing it to be likely that he will thereby facilitate the commission of an offence which it is his duty as such public servant to prevent;
[voluntarily conceals by any act or omission or by the use of encryption or any other information hiding tool, the existence of a design] to commit such offence, or makes any representation which he knows to be false respecting such design;
If offence be committed.- shall, if the offence be committed, be punished with imprisonment of any description provided for the offence, for a term which may extend to one-half of the longest term of such imprisonment, or with such fine as is provided for that offence, or with both;
If offence be punishable with death, etc.- or, if the offence be punishable with death or imprisonment for life, with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years;
If offence be not committed.- or, if the offence be not committed, shall be punished with imprisonment of any description provided for the offence, for a term which may extend to one-fourth part of the longest term of such imprisonment or with such fine as is provided for the offence, or with both.
Illustration
A, an officer of police, being legally bound to give information of all designs to commit robbery which may come to his knowledge, and knowing that B designs to commit robbery. omits to give such information, with intent to facilitate the commission of that offence. Here A has by an illegal omission concealed the existence of B’s design, and is liable to punishment according to the provision of this section.

लागू अपराध

किसी ऐसे अपराध के किये जाने की परिकल्पना का लोक सेवक व्दारा छिपाना जाना, जिसका निवारण करना उसका कर्तव्य है, यदि अपराध कर दिया जाता है।
सजा- उस दीर्घतम् अवधि के आधे भाग तक का कारावास जो उस अपराध के लिये उपबन्धित है, या जुर्माना अथवा दोनो।
यदि अपराध मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय है।
सजा- दस वर्ष के लिए कारावास।
यदि अपराध नही किया गया है।
सजा- उस दीर्घतम् अवधि के एक चौथाई भाग तक का कारावास जो उस अपराध के लिये उपबन्धित है, या जुर्माना अथवा दोनो।
जो दुष्प्रेरित अपराध के अनुसार ही संज्ञेय, गैर-संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आएगा। साथ ही यदि लोकसेवक व्दारा अपराध की परिकल्पना को छिपाता है, जबकि अपराध कर दिया जाता है, तो अपराध के अनुसार ही जमानतीय एवंम् गैर-जमानतीय अपराध, की श्रेणी  मे आयेगा और यदि अपराध मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय है तो वह गैर-जमानतीय अपराध की श्रेणी मे आयेगा और यदि अपराध नही किया जाता है तो जमानतीय अपराध श्रेणी मे आयेगा।
उस न्यायालय द्वारा जिसके द्वारा दुष्प्रेरित अपराध विचारणीय है।
यह अपराध समझौता योग्य नही है।

सजा (Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 119 के अंतर्गत जो लोक सेवक व्दारा किसी अपराध को छिपाता है, जबकि निवारण करना उसका कर्तव्य है, फिर भी छिपाता है और यदि अपराध कर दिया जाता है तो उस दीर्घतम् अवधि के आधे भाग तक का कारावास जो उस अपराध के लिये उपबन्धित है, या जुर्माना अथवा दोनो। इसी तरह से यदि अपराध मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय है तो दस वर्ष के लिए कारावास और यदि वास्तव मे अपराध नही किया गया है तो उस दीर्घतम् अवधि के एक चौथाई भाग तक का कारावास जो उस अपराध के लिये उपबन्धित है, या जुर्माना अथवा दोनो से, दण्डित किया जायेगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

जब कोई लोक सेवक किसी ऐसे अपराध के किये जाने की परिकल्पना को छिपाता है, जबकि निवारण करना उसका कर्तव्य है, छिपाता है तो वह अपराधी व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध के अनुसार ही मामले में पुलिस द्वारा FIR दर्ज करती है अथवा करानी पडेगी। यदि अपराधी व्यक्ति द्वारा अपराध कर दिया जाता है तो वह अपराध के अनुसार ही जमानतीय अथवा गैर-जमानतीय अपराध कारित हुआ है, उसी के अनुरूप ही जमानत मिलेगी। इसी तरह से यदि अपराध मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय है तो ऐसे अपराधो मे जो कोई लोक सेवक छिपायेगा वह गैर-जमानती अपराध की श्रेणी मे आने के कारण जमानत आसानी से नही मिल सकेगी। इसी तरह से यदि अपराध नही कारित हुआ है तो वह जमानतीय अपराध की श्रेणी मे आयेगा, जिसमे आसानी से अच्छे वकील की मदद् से जमानत मिल सकेगी।

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
किसी ऐसे अपराध के किये जाने की परिकल्पना का लोक सेवक व्दारा छिपाना जाना, जिसका निवारण करना उसका कर्तव्य है, यदि अपराध कर दिया जाता है।उस दीर्घतम् अवधि के आधे भाग तक का कारावास जो उस अपराध के लिये उपबन्धित है, या जुर्माना अथवा दोनो।अपराधनुसारअपराधनुसारउस न्यायालय द्वारा जिसके द्वारा दुष्प्रेरित अपराध विचारणीय है।
यदि अपराध मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय है।दस वर्ष के लिए कारावास।अपराधनुसारअपराधनुसारउस न्यायालय द्वारा जिसके द्वारा दुष्प्रेरित अपराध विचारणीय है।
यदि अपराध नही किया गया है।उस दीर्घतम् अवधि के एक चौथाई भाग तक का कारावास जो उस अपराध के लिये उपबन्धित है, या जुर्माना अथवा दोनो।अपराधनुसारअपराधनुसारउस न्यायालय द्वारा जिसके द्वारा दुष्प्रेरित अपराध विचारणीय है।

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 119 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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