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धारा-124A राजद्रोह,(IPC Section 124A Insurrection)

धारा 124A का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 124A के अनुसार-

अगर कोई भी व्यक्ति सरकार के खिलाफ कुछ लिखता है या बोलता है या लिखने बोलने वाले का समर्थन करता है, या अपने लिखे गए या बोले गए शब्दों, या फिर चिन्हों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाता है या असंतोष जाहिर करता है, तो वह देशद्रोह का अपराधी है।

अगर कोई व्यक्ति देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधि को सार्वजनिक रूप से अंजाम देता है तो वह 124 ए के अधीन आता है।
हम मे से बहुत लोग जानते होगे, देशद्रोह क्या है, वास्तव मे देशद्रोह कोई व्यक्ति अपने राज्य के प्रति कोई ऐसा कृत्य करता है, जिससे समाज मे एकता व अखण्डता को हानि पहुचातां है । आइये जानते है क्या क्या है देशद्रोह-

  • यदि कोई व्यक्ति सरकार के प्रति विरोधी समाग्री लिखता है या बोलता है या ऐसी समाग्री का इस्तेमाल करता है ।
  • राष्ट्रीय चिन्हो का अपमान अथवा संविधान को नीचा दिखाता है ।
  • कोई व्यक्ति अपने लिखे गए या बोले गए शब्दों, या फिर चिन्हों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाता है या असंतोष जाहिर करता है ।

यह धारा हम सभी के लिए चर्चित विषय में है क्यों कि इस धारा को ब्रिटिश सरकार ने अपने फायदे के लिए 1860 में बनाई थी, जिसे 1870 में भारतीय संविधान के IPC में जोड़ दिया गया । वैसे यह धारा उतनी ही आवश्यक है, लेकिन गलत उपयोग भी बहुत किया जाता है । जब की भारतीय संविधान हम सभी को अपनी बात बोलने की आजादी 19(1A) में देता है। इस धारा के अंतर्गत जब सरकार किसी के ऊपर देशद्रोह का केस करती है, तो अधिकतर फर्जी होने के कारण निरस्त हो जाते है ।

सजा का प्रावधान

इस कानून के अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को कम से कम 3 वर्ष का कारावास अथवा उम्र कैद तक की सजा हो सकती है ।

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