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आईपीसी की धारा 134 | ऐसे हमले का दुष्प्रेरण, यदि हमला किया जाए | IPC Section- 134 in hindi | Abetment of such assault, if the assault is committed.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 134 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 134? साथ ही हम आपको IPC की धारा 134 सम्पूर्ण जानकारी एवम् क्या सजा मिलेगी और कैसे क्या जमानत मिलेगी। इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 134 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 134 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना, या वायुसेना के किसी आफिसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा किसी वरिष्ठ आफिसर पर, जब कि वह आफिसर अपने पद निष्पादन में हो, हमले का दुष्प्रेरण करेगा, यदि ऐसा हमला दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया जाए तो भारतीय दंड संहिता की धारा 134 अप्लाई होगी। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 134 इसी विषय के बारे में बतलाती है।

आईपीसी की धारा 134 के अनुसार-

ऐसे हमले का दुष्प्रेरण, यदि हमला किया जाए-

जो कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना के आफिसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा किसी वरिष्ठ आफिसर पर, जबकि वह आफिसर अपने पद-निष्पादन में हो, हमले का दुष्प्रेरण करेगा, यदि ऐसा हमला उस दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया जाए, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा।

Abetment of such assault, if the assault is committed-
Whoever abets an assault by an officer, soldier, sailor or airman in the Army, Navy or Air Force of the Government of India, on any superior officer being in the execution of his office, shall, if such assault be committed in consequence of that abetment be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.

लागू अपराध

ऐसे हमले का दुष्प्रेरण, यदि हमला किया जाए।
सजा- सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।
यह एक गैर-जमानतीय, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता योग्य नही है।

सजा (Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 134 के अंतर्गत जो कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना, या वायुसेना के किसी आफिसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा किसी वरिष्ठ आफिसर पर, जब कि वह आफिसर अपने पद निष्पादन में हो, हमले का दुष्प्रेरण करेगा, यदि ऐसा हमला दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया जाए तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

जो कोई व्यक्ति भारत सरकार की सेना, नौसेना, या वायुसेना के किसी आफिसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा किसी वरिष्ठ आफिसर पर, जब कि वह आफिसर अपने पद निष्पादन में हो, हमले का दुष्प्रेरण करेगा, यदि ऐसा हमला दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया जाए तो वह व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 134 के अंतर्गत दंड का भागीदार होगा ऐसे अपराध कारित करने वाले व्यक्ति अपराध के अनुसार ही मामले में पुलिस द्वारा FIR दर्ज करती है यह अपराध गैर-जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से नही मिल सकेगी

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
ऐसे हमले का दुष्प्रेरण, यदि हमला किया जाए।सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।संज्ञेयगैर-जमानतीयप्रथम वर्ग के मजिस्ट्रेट द्वारा

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 134 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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