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आईपीसी की धारा 158 | विधिविरुद्ध जमाव या बल्वे में भाग लेने के लिए भाड़े पर जाना | IPC Section- 158 in hindi | Being hired to take part in an unlawful assembly or riot.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 158 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 158? साथ ही हम आपको IPC की धारा 158 सम्पूर्ण जानकारी कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलेगी, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 158 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 158 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई गैरकानूनी जमाव करने के लिए भाड़े पर जाने वाले या भाड़े में शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर यह धारा अप्लाई होगी, साथ ही जो व्यक्ति गैरकानूनी जमाव में किसी शस्त्र का प्रयोग करता है, तब भी यह धारा 158 अप्लाई होगी। जिसके लिए वह दंड का भागीदार होगा। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 158 इसी विषय के बारे में बतलाती है।

आईपीसी की धारा 158 के अनुसार-

विधिविरुद्ध जमाव या बल्वे में भाग लेने के लिए भाड़े पर जाना-

जो कोई धारा 141 में विनिर्दिष्ट कार्यों में से किसी को करने के लिए या करने में सहायता देने के लिए वचनबद्ध किया या भाड़े पर लिया जाएगा या भाड़े पर लिए जाने या वचनबद्ध किए जाने के लिए अपनी प्रस्थापना करेगा या प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
या सशस्त्र चलना- तथा जो कोई पूर्वोक्त प्रकार से वचनबद्ध होने या भाड़े पर लिए जाने पर, किसी घातक आयुध से या ऐसी किसी चीज से, जिससे आक्रामक आयुध के रूप में उपयोग किए जाने पर मृत्यु कारित होनी सम्भाव्य है, सज्जित होकर चलेगा या सज्जित होकर चलने के लिये वचनबद्ध होगा या अपनी प्रस्थापना करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

Being hired to take part in an unlawful assembly or riot-
Whoever is engaged, or hired, or offers or attempts to be hired or engaged, to do or assist in doing any of the acts specified in Section 141, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine, or with both.
or to go armed- and whoever, being so engaged or hired as aforesaid, goes armed, or engages or offers to go armed, with any deadly weapon or with anything which used as a weapon of offence is likely to cause death, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.

लागू अपराध

विधिविरुद्ध जमाव या बल्वे में भाग लेने के लिए भाड़े पर जाना।
सजा- छह मास के लिए कारावास, या जुर्माना या दोनो।
सशस्त्र चलना।
सजा- दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना या दोनो।
यह एक जमानतीय, संज्ञेय अपराध है और किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता योग्य नही है।

सजा (Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 158 के अंतर्गत जो कोई  विधिविरुद्ध जमाव में  भाग लेने के लिए भाड़े पर जाएगा या रखेगा और साथ ही किसी शस्त्र से हमला करता है तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा। इसी तरह से भाड़े पर लाए गए, किसी सदस्य द्वारा शस्त्र का प्रयोग करता है तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 158 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में जमानतीय (Baileble) है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से मिल जाती है।

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
विधिविरुद्ध जमाव या बल्वे में भाग लेने के लिए भाड़े पर जाना।छह मास के लिए कारावास, या जुर्माना या दोनो।संज्ञेयजमानतीयकिसी भी वर्ग के मजिस्ट्रेट द्वारा
सशस्त्र चलना।दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना या दोनो।संज्ञेयजमानतीयकिसी भी वर्ग के मजिस्ट्रेट द्वारा

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 158 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके पास कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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