आईपीसी की धारा 200 | ऐसी घोषणा का मिथ्या होना जानते हुए सच्ची के रूप में काम में लाना | IPC Section- 200 in hindi | Using as true such declaration knowing it to be false.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 200 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 200? साथ ही हम आपको IPC की धारा 200 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

IPC की धारा 200 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 200 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई किसी ऐसी घोषणा को, यह जानते हुये कि वह किसी तात्विक बात के सम्बन्ध में मिथ्या है, भ्रष्टतापूर्वक सच्ची के रूप में उपयोग में लाएगा या उपयोग में लाने का प्रयत्न करेगा, तो वह व्यक्ति धारा 200 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 200 के अनुसार-

ऐसी घोषणा का मिथ्या होना जानते हुए सच्ची के रूप में काम में लाना-

जो कोई किसी ऐसी घोषणा को, यह जानते हुये कि वह किसी तात्विक बात के सम्बन्ध में मिथ्या है, भ्रष्टतापूर्वक सच्ची के रूप में उपयोग में लाएगा या उपयोग में लाने का प्रयत्न करेगा वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा, मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो।
स्पष्टीकरण-कोई घोषणा, जो केवल किसी अप्ररूपिता के आधार पर अग्राह्य है, धारा 199 और धारा 200 के अर्थ के अन्तर्गत घोषणा है।

Using as true such declaration knowing it to be false-
Whoever corruptly uses or attempts to use as true any such declaration, knowing the same to be false in any material point, shall be punished in the same manner as if he gave false evidence.
Explanation- A declaration which is inadmissible merely upon the ground of
some informality, is a declaration within the meaning of Sections 199 and 200.

लागू अपराध

ऐसी घोषणा का मिथ्या होना जानते हुए सच्ची के रूप में काम में लाना।
सजा- वही जो मिथ्या साक्ष्य देने या गढ़ने के लिए हैं। दंड या जुर्माना।
यह एक जमानतीय, गैर-संज्ञेय अपराध है और उसी न्यायालय द्वारा विचारणीय है जहां मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है।

जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 200 के अंतर्गत जो कोई किसी ऐसी घोषणा को, यह जानते हुये कि वह कोई तात्विक बात के सम्बन्ध में मिथ्या है, भ्रष्टतापूर्वक सच्ची के रूप में उपयोग में लाएगा या उपयोग में लाने का प्रयत्न करेगा, तो वह व्यक्ति मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत करने वाले दंड या जुर्माने का भागीदार होगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 200 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में जमानतीय (Baileble) है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध जमानतीय होने के कारण जमानत आसानी से मिल जाती है।

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
ऐसी घोषणा का मिथ्या होना जानते हुए सच्ची के रूप में काम में लाना।वही जो मिथ्या साक्ष्य देने या गढ़ने के लिए हैं।गैर-संज्ञेयजमानतीयउसी न्यायालय द्वारा विचारणीय है जहां मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है।

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 200 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आप के पास कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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