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आईपीसी की धारा 4 | राज्यक्षेत्रातीत अपराधों पर संहिता का विस्तार | IPC Section- 4 in hindi | Extension of Code to extra-territorial offences.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 4 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 4? साथ ही हम आपको IPC की धारा 4 के अंतर्गत क्या परिभाषित करती है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

IPC की धारा 4 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 4 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। यह धारा भारत से बाहर और परे किसी स्थान में भारत के किसी नागरिक द्वारा एवं भारत में रजिस्ट्रीकृत किसी पोत या विमान पर, चाहे वह कहीं भी हो किसी व्यक्ति द्वारा किए गए किसी अपराध को भी लागू है अथवा भारत से बाहर और परे किसी स्थान में किसी व्यक्ति द्वारा, जो भारत में किसी कम्प्यूटर साधन को लक्ष्य बनाते हुए अपराध कारित करता है। वह सभी भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दंडनीय होंगे। यह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 4 इसी बात को परिभाषित करती है।

आईपीसी की धारा 4 के अनुसार-

राज्यक्षेत्रातीत अपराधों पर संहिता का विस्तार-
इस संहिता के उपबन्ध –

(1) भारत से बाहर और परे किसी स्थान में भारत के किसी नागरिक द्वारा ;
(2) भारत में रजिस्ट्रीकृत किसी पोत या विमान पर, चाहे वह कहीं भी हो किसी व्यक्ति द्वारा किए गए किसी अपराध को भी लागू है।
(3) भारत से बाहर और परे किसी स्थान में किसी व्यक्ति द्वारा, जो भारत में किसी कम्प्यूटर साधन को लक्ष्य बनाते हुए अपराध कारित करता है।
स्पष्टीकरण- इस धारा में-
(क) शब्द “अपराध” में प्रत्येक ऐसा कृत्य सम्मिलित है जो भारत के बाहर किया गया हो, जिसे यदि भारत में कारित किया गया होता तब इस संहिता के अधीन दण्डनीय होता।
(ख) अभिव्यक्ति “कम्प्यूटर साधन” को वही अर्थ समनुदेशित होगा, जिसे सूचना क, जो भारत का
प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 2 की उपधारा (1) के खण्ड (ट) में इसे समनुदेशित किया गया है।
दृष्टान्त
क, जो भारत नागरिक है, उगाण्डा में हत्या करता है। वह भारत के किसी स्थान में, जहाँ वह पाया जाए, हत्या के लिए विचारित और दोषसिद्ध किया जा सकता है।

Extension of Code to extra-territorial offences-
The provisions of this Code apply also to any offence committed by-
(1) any citizen of India in any place without and beyond India;
(2) any person on any ship or aircraft registered in India wherever it may be.
(3) any person in any place without and beyond India committing offence targeting a computer resource located in India.
Explanation- In this section
(a) the word “offence” includes every act committed outside India which, if committed in India would be punishable under this code.
(b) the expression “computer resource” shall have the meaning assigned to it in clause (k) of subsection (1) of section 2 of the Information Technology Act, 2000.
Illustration
A, who is a citizen of India, commits a murder in Uganda. He can be tried and convicted of murder in any place in India in which he may be found.


हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 4 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप बेझिझक कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
धन्यवाद

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