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आईपीसी की धारा 412 | ऐसी संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना जो डकैती करने में चुराई गई है | IPC Section- 412 in hindi| Dishonestly receiving property stolen in the commission of a dacoity.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 412 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 412 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 412 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 412 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई किसी चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखेगा, यह जानते हुये या विश्वास करने का कारण रखते हुये कि वह डकैती द्वारा प्राप्त ही गई है, तो वह धारा 412 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 412 के अनुसार

ऐसी संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना जो डकैती करने में चुराई गई है-

जो कोई ऐसी चुराई हुई सम्पत्ति को बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखेगा, जिसके कब्जे के विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह डकैती द्वारा अन्तरित की गयी है, अथवा किसी ऐसे व्यक्ति से, जिसके सम्बन्ध में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह डाकुओं की टोली का है या रहा है, ऐसी सम्पत्ति जिसके विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई है, बेईमानी से प्राप्त करेगा, वह आजीवन कारावास से, या कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जायेगा, और जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा।

Dishonestly receiving property stolen in the commission of a dacoity-
Whoever dishonestly receives or retains any stolen property, the possession whereof he knows or has reason to believe to have been transferred by the commission of dacoity, or dishonestly receives from a person, whom he knows or has reason to believe to belong or to have belonged to a gang of dacoits, property which he knows or has reason to believe to have been stolen, shall be punished with imprisonment for life, or with rigorous imprisonment for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.

लागू अपराध

चुराई हुई संपत्ति को उसे चुराई हुई जानते हुए, कि वह डकैती द्वारा प्राप्त की गई है, अभिप्राप्त करना।
सजा- आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौते योग्य नहीं है।

जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 412 के अंतर्गत जो कोई किसी चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखेगा, यह जानते हुये या विश्वास करने का कारण रखते हुये कि वह डकैती द्वारा प्राप्त ही गई है, तो वह आजीवन कारावास से, या कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जायेगा, और जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 412 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नहीं मिल सकेगी।

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
चुराई हुई संपत्ति को उसे चुराई हुई जानते हुए, कि वह डकैती द्वारा प्राप्त की गई है, अभिप्राप्त करना।आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना।संज्ञेयगैर-जमानतीयसेशन न्यायालय द्वारा

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 412 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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