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आईपीसी की धारा 417 | छल के लिए दंड | IPC Section-417 in hindi | Punishment for Cheating.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 417 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 417? साथ ही हम आपको IPC की धारा 417 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 417 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में आज हम आपको महत्वपूर्ण धारा के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। हम में से बहुत लोगो के मन में सवाल उठता होगा, यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के साथ छल करता है, तो क्या उसके लिए कोई सजा है हमारे संविधान में है जी हां हमारे संविधान में है छल के लिए दंड, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 417 के अंतर्गत जो कोई व्यक्ति किसी के साथ छल करेगा वह इस धारा के अंतर्गत दंडनीय होगा। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आपको ऐसे अपराध के लिए क्या सजा, अर्थदंड और जमानत कैसे मिलेगी इत्यादि सब कुछ बताएंगे ।

आईपीसी की धारा 417 के अनुसार-

छल के लिए दंड –

जो कोई छल करेगा, दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।

Punishment for cheating-
Whoever cheats shall be Punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.

छल के अंतर्गत क्या क्या आता है?

हमारे देश के संविधान में छल को भी एक अपराध माना गया है, जिसके लिए वह दंड का भागीदार हो, जबकि वास्तव में किसी के ऐसा करना अपराध ही है, आइए जानते है छल के अनेक अर्थ-जो भी कोई व्यक्ति धोखा, कपटपूर्ण व्यवहार, वास्तविकता को छिपाना, बहाना, धूर्तता, ढोंग, दुश्मन पर नियम विरुद्ध हमला करना, किसी को हानि पहुँचाने के लिए बुना गया जाल, दूसरों को ठगने वाली बात, बहस में प्रतिपक्षी की बात का विपरीत अर्थ निकालना इत्यादि जैसे समस्त कृत्य छल की श्रेणी में आते है। इसलिए जो भी व्यक्ति ऐसे अपराध करने का साहस करता है या करेगा, वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा-416 के अंतर्गत अपराधी होगा। जिसके लिए IPC की धारा 417 में दंड का प्रावधान दिया गया है ।

लागू अपराध

छल करना ।
सजा– 1 वर्ष के लिए कारावास या आर्थिक दंड या दोनों का भागीदार होगा।
यह एक जमानती, असंज्ञेय अपराध है और किसी भी  मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध पीड़ित व्यक्ति के साथ समझौता करने योग्य है।

सजा (Punishment) का प्रावधान

जब कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के साथ छल करता है तो हमारे संविधान में ऐसे अपराधों के लिए दण्ड का प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 417 में परिभाषित किया गया है। जो कोई किसी व्यक्ति के साथ छल करता है तो वह व्यक्ति 1 वर्ष के लिए कारावास या आर्थिक दंड या दोनों का भागीदार होगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

यह अपराध एक जमानतीय, असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। यह अपराध जमानतीय होने के कारण आसानी से जमानत किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा मिल सकती है यह अपराध पीड़ित व्यक्ति के साथ समझौता करने योग्य है|

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
छल करना।1 वर्ष के लिए कारावास या आर्थिक दंड या दोनों।गैर-संज्ञेयजमानतीयकिसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा

हमारा प्रयास धारा 417 की पूर्ण जानकारी आप तक प्रदान करने का है, अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है ।

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