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आईपीसी की धारा 445 | गृह भेदन | IPC Section- 445 in hindi | House-breaking.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 445 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 445? साथ ही हम आपको IPC की धारा 445, क्या परिभाषित करती है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

IPC की धारा 445 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 445 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय दंड संहिता की धारा 445 गृह भेदन (House-breaking) को परिभाषित किया गया है, इस लेख के माध्यम से समझने का प्रयास करेंगे।

आईपीसी की धारा 445 के अनुसार

गृह भेदन-

जो व्यक्ति गृह अतिचार करता है, वह “गृह-भेदन” करता है, यह कहा जाता है, यदि वह उस गृह में या उसके किसी भाग में एतस्मिन् पश्चात् वर्णित छह तरीकों में से किसी तरीके से प्रवेश करता है अथवा यदि वह उस गृह में या उसके किसी भाग में अपराध करने के प्रयोजन से होते हुए, या वहाँ अपराध कर चुकने पर, उस गृह से या उसके किसी भाग से ऐसे छह तरीकों में से किसी तरीके से बाहर निकलता है, अर्थात् –
पहला– यदि वह ऐसे रास्ते से प्रवेश करता है या बाहर निकलता है जो स्वयं उसने या उस गृह-अतिचार के किसी दुष्प्रेरक ने वह गृह अतिचार करने के लिए बनाया है,
दूसरा— यदि वह किसी ऐसे रास्ते से, जो उससे या उस अपराध के दुष्प्रेरक से भिन्न किसी व्यक्ति द्वारा मानव प्रवेश के लिए आशयित नहीं है, या किसी ऐसे रास्ते से, जिस तक कि वह किसी दीवार या निर्माण पर सीढ़ी द्वारा या अन्यथा चढ़कर पहुँचा है, प्रवेश करता है या बाहर निकलता है,
तीसरा– यदि वह किसी ऐसे रास्ते से प्रवेश करता है या बाहर निकलता है जिसको उसने या उस गृह अतिचार के किसी दुष्प्रेरक ने वह गृह अतिचार करने के लिए किसी ऐसे साधन द्वारा खोला है, जिसके द्वारा उस रास्ते का खोला जाना उस गृह के अधिभोगी द्वारा आशयित नहीं था,
चौथा— यदि उस गृह-अतिचार को करने के लिये या गृह-अतिचार के पश्चात् उस गृह से निकल जाने के लिये वह किसी ताले को खोलकर प्रवेश करता या बाहर निकलता है,
पाँचवाँ–यदि वह आपराधिक बल के प्रयोग या हमले या किसी व्यक्ति पर हमला करने की धमकी द्वारा अपना प्रवेश करता है या प्रस्थान करता है,
छठा- यदि वह किसी ऐसे रास्ते से प्रवेश करता है या बाहर निकलता है जिसके बारे में वह जानता है कि वह ऐसे प्रवेश या प्रस्थान को रोकने के लिए बन्द किया हुआ है और अपने द्वारा या उस गृह-अतिचार के दुष्प्रेरक द्वारा खोला गया है।
स्पष्टीकरण– कोई उपगृह या निर्माण, जो किसी गृह के साथ-साथ अधिभोग में है, और जिसके और ऐसे गृह के बीच आने-जाने का अव्यवहित भीतरी रास्ता है, इस धारा के अर्थ के अन्तर्गत उस गृह का भाग है।
दृष्टान्त
(क) य के गृह की दीवार में छेद करके और उस छेद में से अपना हाथ डाल करके क गृह-अतिचार करता है। यह गृह-भेदन है ।
(ख) क तल्लों के बीच की बारी में से रेंग कर एक पोत में प्रवेश करने द्वारा गृह-अतिचार करता है। यह गृह भेदन है।
(ग) य के गृह से एक खिड़की से प्रवेश करने के द्वारा क गृह-अतिचार करता है। यह गृह-भेदन है।
(घ) एक बन्द द्वार को खोल कर य के गृह में उस द्वार से प्रवेश करने द्वारा क गृह अतिचार करता है। यह गृह भेदन है।

House-breaking-
A person is said to commit “house-breaking” who commits house-trespass if he effects his entrance into the house or any part of it in any of the six ways hereinafter described; or if, being in the house or any part of it for the purpose of committing an offence, or, having committed an offence therein, he quits the house or any part of it in any of such six ways, that is to say :-
First- If he enters or quits through a passage made by himself, or by any abettor of the house-trespass, in order to the committing of the house-trespass.
Secondly- If he enters or quits through any passage not intended by any person, other than himself or an abettor of the offence, for human entrance or through any passage to which he has obtained access by scaling or climbing over any wall or building.
Thirdly- If he enters or quits through any passage which he or any abettor of the house-trespass has opened, in order to the committing of the house-trespass by any means by which that passage was not intended by the occupier of the house to be opened.
Fourthly- If he enters or quits by opening any lock in order to the committing of the house-trespass, or in order to the quitting of the house after a house-trespass.
Fifthly- If he effects his entrance or departure by using criminal force or committing an assault, or by threatening any person with assault.
Sixthly- If he enters or quits by any passage which he knows to have been fastened against such entrance or departure, and to have been unfastened by himself or by an abettor of the house-trespass.
Explanation- Any outhouse or building occupied with a house, and between which and such house there is an immediate internal communication, is part of the house within the meaning of this section.
Illustrations
(a) A commits house-trespass by making a hole through the wall of Z’s house and putting his hand through the aperture. This is a house-breaking.
(b) A commits house-trespass by creeping into a ship at a port-hole between decks. This is house-breaking.
(c) A commits house-trespass by entering Z’s house through window. This is house
breaking.
(d) A commits house-trespass by entering Z’s house through the door, having opened a
door which was fastened. This is house-breaking.

गृह भेदन क्या है?

साधारण भाषा में गृह भेदन (House-breaking), जो कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति का गृह अतिचार करता है, वह “गृह-भेदन” करता है अर्थात् यदि कोई भी किसी अपराध को करने या कर चुकने पर हेतु किसी गृह में छिपने के लिए या बच निकलने हेतु, किसी व्यक्ति को धमकाता अथवा अपराधिक बल का प्रयोग करके गृह से निकलने का प्रयास करता है या भाग निकलता है, अथवा प्रवेश करने के द्वारा गृह-अतिचार करता है। यह गृह-भेदन कहा जाता है।

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 445 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप बेझिझक कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
धन्यवाद

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