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आईपीसी की धारा 485 | सम्पत्ति-चिन्ह के कूटकरण के लिये कोई उपकरण बनाना या उस पर कब्जा | IPC Section- 485 in hindi| Making or possession of any instrument for counterfeiting a property mark.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 485 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 485 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 485 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 485 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई सम्पत्ति-चिन्ह के कूटकरण के प्रयोजन से कोई डाई, पट्टी या अन्य उपकरण बनायेगा या अपने कब्जे में रखेगा अथवा यह द्योतन करने के प्रयोजन से कि कोई माल ऐसे व्यक्ति का है, जिसका वह नहीं है, किसी सम्पत्ति-चिन्ह को अपने कब्जे में रखेगा, तो वह धारा 485 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 485 के अनुसार

सम्पत्ति-चिन्ह के कूटकरण के लिये कोई उपकरण बनाना या उस पर कब्जा-

जो कोई सम्पत्ति-चिन्ह के कूटकरण के प्रयोजन से कोई डाई, पट्टी या अन्य उपकरण बनायेगा या अपने कब्जे में रखेगा अथवा यह द्योतन करने के प्रयोजन से कि कोई माल ऐसे व्यक्ति का है, जिसका वह नहीं है, किसी सम्पत्ति-चिन्ह को अपने कब्जे में रखेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

Making or possession of any instrument for counterfeiting a property mark-
Whoever makes or has in his possession any die, plate or other instrument for the purpose of counterfeiting a property mark, or has in his possession a property mark for the purpose of denoting that any goods belong to a person to whom they do not belong, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, or with fine, or with both.

लागू अपराध

किसी लोक या प्राइवेट सम्पत्ति चिह्न के कूटकरण के लिए कोई डाई, पट्टी या अन्य उपकरण कपटपूर्वक बनाना या अपने कब्जे में रखना ।
सजा- तीन वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों।
यह अपराध एक जमानतीय और गैर-संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 485 के अंतर्गत जो कोई सम्पत्ति-चिन्ह के कूटकरण के प्रयोजन से कोई डाई, पट्टी या अन्य उपकरण बनायेगा या अपने कब्जे में रखेगा अथवा यह द्योतन करने के प्रयोजन से कि कोई माल ऐसे व्यक्ति का है, जिसका वह नहीं है, किसी सम्पत्ति-चिन्ह को अपने कब्जे में रखेगा, तो वह दोनों में से, किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा या जुर्माने से या दोनो से भी दण्डनीय होगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 485 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में जमानतीय (Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत मिल सकेगी।

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
किसी लोक या प्राइवेट सम्पत्ति चिह्न के कूटकरण के लिए कोई डाई, पट्टी या अन्य उपकरण कपटपूर्वक बनाना या अपने कब्जे में रखना।तीन वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनों।गैर-संज्ञेयजमानतीयप्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 485 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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