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भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 28 | उत्प्रेरणा, धमकी या वचन से पैदा हुए मन पर प्रभाव के हो जाने के पश्चात् की गई संस्वीकृति सुसंगत है | Indian Evidence Act Section- 28 in hindi|Confession made after removal of impression caused by inducement, threat or promise, relevant.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 28 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 28, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 28 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 28 के अन्तर्गत यदि ऐसी कोई संस्वीकृति,जो धारा 24 में निर्दिष्ट है, न्यायालय की राय में उसके मन पर प्रभाव के, जो ऐसी किसी उत्प्रेरणा, धमकी या वचन से कारित हुआ है, पूर्णतः दूर हो जाने के पश्चात् की गई है, तो वह सुसंगत है।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 28 के अनुसार

उत्प्रेरणा, धमकी या वचन से पैदा हुए मन पर प्रभाव के हो जाने के पश्चात् की गई संस्वीकृति सुसंगत है—

यदि ऐसी कोई संस्वीकृति, जैसी धारा 24 में निर्दिष्ट है, न्यायालय की राय में उसके मन पर प्रभाव के, जो ऐसी किसी उत्प्रेरणा, धमकी या वचन से कारित हुआ है, पूर्णतः दूर हो जाने के पश्चात् की गई है, तो वह सुसंगत है।

Confession made after removal of impression caused by inducement, threat or promise, relevant-
If such a confession as is referred to in Section 24 is made after the impression caused by any such inducement, threat or promise has, in the opinion of the Court, been fully removed, it is relevant.

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 28 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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